मंगलवार, 1 मार्च 2011

Rajasthan

राजस्थान व गुजरात के आसपास के इलाको  में प्रचलित एक दुखदायी प्रथा जिसे मोटाना कहा जाता हे
मुसीबत कभी कह कर नहीं आती हे 
आप राजस्थान के आदिवासी बहुल बासवाडा , डूंगरपुर , प्रतापगड में हे
आप गाडी चला रहे हें, अचानक गाडी से किसी व्यक्ति का एकसीडेंट हो जाता है और सामने वाले की मोत हो जाती हें आप दोस्तों के बिच में बेठे हें अचानक आपके दोस्तों के बिच कहा सुनी हो जाती हें और लड़ाई में किसी की मोत हो जाती हें, आपके पास गाय, बकरी हें आपका पशु किसी के खेत में मर जाता हें , या किसी का पशु आपकी गाडी से मर जाता हें तो समझिये की आप मुसीबत में हे 
आइये चलते मुख्य बात की और 
मोताना ... आदिवासीयो में यदि किसी की मोंत या कोई  घटना घटित हो जाती हें तो आरोपी को तुरंत घेर लिया जाता हें , आदिवासियों के महिला , पुरुष , बच्चे , सभी इकठे हो जाते हें , ऐसे  मामले में मुख्य भूमिका आदिवासियों के दबंग लोग निभाते हें 
दबंग लोग आधे गोले के रूप मे बेठ जाते हें एक तरफ आरोपी और प्रत्यारोपी दोनों खड़े रहते हें मामले के अनुसार आरोपी के राशि मांगी जाती हें , इस पुरे मामले में पुलिस केवल बिचोलिय की भूमिका निभाती हें , 
आरोपी यदि भाग जाता हें तो लाश को आरोपी के घर के आगे रख दिया जाता हें | घर के आगे लाश को रखने की प्रथा को चकोदारा कहा जाता हें , जब तक मोताने की राशी नहीं मिलती तब तक लाश का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता हें चाहे इसमें कितना ही समय क्यों न लगे ,ऐसे  मामलो में कई बार आरोपी यदि भाग जाता हें तो पुरे गाँव से मोताना वसूला जाता हें , पुरे गाँव में लुट पट की जाती हें ,यदि आरोपी द्वारा राशी दे दी जाती हें तब मामला सुलझ जाता हें और तब दबंग वर्ग के गुड खाने की प्रथा हें 
अभी फरवरी की घटना हें 
उदयपुर में अम्बामाता पुलिस ठाणे की घटना हें इस में एक महिला की बीमारी से मोत हो गयी मोंत  के चार दिन बाद १ लाख रूपये मिलाने पर प्रत्यारोपि द्वारा लाश का अंतिम संस्कार किया गया 
घटना इस तरह हें भीलू राणा बस्ती निवासी नर्बदा पत्नी नारायण लाल मीना की मुर्त्यु शनिवार को हो गयी पीहर वालो द्वारा लाश को उन्दरी गाँव में ले जाया गया , ससुराल और पीहर दोनों की बातचीत चल रही थी इस दोरान पुलिस ने सुरक्षा के तोर पर पुलिस बल को तेनत  कर दिया था मंगलवार को १ लाख रुपया मोताना राशी मिलाने पर लाश का अंतिम संस्कार किया गया 
टीक इसी तरह की एक और घटना एक और हे 
उदयपुर '' राजस्थान '' के फालसिया गाँव के एक अध्यापक को रात में कुछ लुटेरो ने घायल कर दिया और इलाज के दोरान उनकी मुर्त्यु हो गई गाँव और परिवार जनो ने शव को पुलिस थाने के बाहर रख दिया और मोताना की मांग करने लगे, पुलिस ने समझाने की कोशिस की मगर ग्रामीण नहीं माने, सुरक्षा के तोर पर पुलिस ने गाँव और पुलिस थाने में अतिरिक्त पुलिस बल तेनत किया गया , आदिवासियों के १३ फला और १५ सो आदिवासियों ने हथियार लेकर मोटाने की मांग की गई, दुसरे दिन मोटाना राशी मिलाने पर लाश को ठाणे से हटाया गया, तब जा कर शव का अंतिम संस्कार हो पाया, 
राजस्थान में प्रचलित इस प्रथा के चलते कई परिवार आज भी अपने घरो से बेघर हो चुके हे, यह प्रथा केवल एक वर्ग के कमाई करने का तरीका हे, आदिवासियों में मोटाने के घटना आप यहाँ राजन सुन सकते हे, मोटाने के मामले में पुलिस व प्रशासन एक मूक दर्शक हे , इन जगहों पर आज भी आदिवासियों की प्रथाए ज्यो की त्यों प्रचलित हे

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