रविवार, 1 नवंबर 2009

ganga

हिमालय से निकलने वाली पवन पवित्र माँ गंगा , गो मुख से निकल कर अपना निर्मल जल बहते हुवे गंगोत्री  में आती तो उसका जल मन को शांति देता हे , आप कभी इलाहाबाद में संगम स्नान करने गए क्या यदि हा तो आपने उस पवित्र स्थान की स्थिति तो अवस्य देखि होगी , क्या यह वही गंगा जो पाप तरनी कही जाती हे , क्या यह वही गंगा हे जिसे देव नदी कहा जाता हे , क्या आपको पता हे यह देव नदी , पाप नासिनी माँ गंगा की क्या स्थिति हे , र्शिकेस से इलाहाबाद तक माँ गंगा में १३० से भी ज्यादा नाले आकर मिलते हे , इलाहाबाद में संगम वाले स्थान पर माँ गंगा एक छोटी सी नदी के रूप में दिखाई देती हे , चारो तरफ से गन्दी नालिया आकर गंगा में मिल रही हे , जिसका पानी हम घरो में रखते हे , और जब कोई हमारा दुनिया से जाता हे तो पवित्र गंगा जल मुह में डाला जाता हे , मगर वही गंगा का जल

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