शुक्रवार, 21 मई 2010

पानी

हाय रे पानी रे पानी
धुली चेहरे की रंगत
आकाल में पाहाड़ो पर छायी हो वीरानी 
दिखे सूरत तेरी डरावनी
लिपस्टिक एसे बिखरी हे 
जेसे रक्त पीकर निकली हो शेतन की नानी
हाय रे पानी रे पानी  
हर गली नुकड़ पर स्कूटर पर किक
मरते छोरा छोरी हांफ राहे हे एसे
जेसे नया नया योगा सिखा दिया हो जेसे
हाय रे पानी रे पानी  

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