सोमवार, 23 फ़रवरी 2009

राम जी

जय जय राम गुन निधान
सकल काज पूरण करता
भय शोक, रोग, मोह , दुःख हरता
आस्था , श्रधा , भक्ति से जो कोई भजन कर्ता
जन्म मरण छुट जाता
भाव सागर पार कर्ता
सीता पवित्र हे राम प्यारी
घर में लक्ष्मी बरसे
शुख पावे नर नारी
भक्त हनुमान हे राम जी के दुलारे
पूरण करो सब काज हमारे

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