बुधवार, 4 फ़रवरी 2009

यह बात सत्य नही हे की आपकी मेरी बात पसंद आएगी हो सकता हे आप मेरी बात से सहमत नही हो फ़िर भी में आपको मेरी बात कहने जा रहा हु
कुछ दिन पहले विजय्दास्मी को मेरे एक मित्र का मेसेज आया उनोंहने मुझे कहा की भारत को आओ मिलकर हिंदू रास्त बनाये भारत को विश्व गुरु बनाये
आप भारत को कोनसा हिंदू रास्ट्र बनाना चाहते हे
पहले अपने मोहल्ले को तो अपना बना लो आपका मोहल्ला दो तीन गुटों में बता हुआ हे आप अपने मोहल्ले को तो आपना बना नही सके
मोहल्ले में जाति के नाम पर लड़ते हो , एक साथ पंगत में बेत कर खाना तो का नही सकते हो , आठेवे नंबर मकानमें कोन रहता हे पता नही चले देश को एक करने
आप के लडाई कभी छेत्रवाद को लेकर होती हे तो कभी जातिवाद को लेकर , कहा पर एक हो
मेसेज करना आसन हे
एक गरीब जिसे आप पिछाडा कहते हो जब कही दूर दिखाए दे जाता है तो कही न कही दबे मुख आपकी गली भी उसके लिए सुने दे जाति हे
वही गरीब जब आपनी शादी में कभी घोडे पर बताता हे तो उसे पुलिश की मदद लेनी पड़ती हे ,
और आप उसका गोलियों और पथरो से उसका स्वागत करते हो ,
किसको लेकर हिंदू रास्ट्र की बात करते हो,
गाव के गाव तो जला दिए जाते हे , कभी कभी तो एसा भी सुनने को मिलगा हे की एक साथ गोलिये से भुन दिया गया
पार्टियो भासन देने से भारत हिंदू रास्ट्र बनता तो १९४७ में ही बन जाता
मगर कभी आप तो सेत्रवाद को लेकर कभी जातिवाद को लेकर , तो कभी उत्तर दशीन को मसला तो कभी उत्तर प्रदेश , बिहार , राजस्थान तमिल का मुद्दा एन से तो दूर हटो
जब सरे रहा किसी को मारा जाता हे तो आप बच कर निकलने की सोचते हो , सड़क पर किसी घायल को देख कर रास्ता बदल लेते हो ,
जब एसी देसा देख कर मर जाति हे हिंदू रास्ट्र बनने के कामना ,
आप कई हिंदू rast

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