शुक्रवार, 6 फ़रवरी 2009

कैसा मन्दिर

भगवन ये कैसा मन्दिर बनाया ,
कोई पुजारी नही सब व्यापारी नजर आए
धर्म के दलालों ने चारो तरफ अपना व्यापर लगाया
सब धर्मो का नारा दे कर , क्या खूब लोगो को बनाया
मन्दिर मस्जिद सब टूट गए, इन व्यापारियो का पोधा लहलाया
भगवन क्या खूब मन्दिर बनाया
जहा प्रतिमा अपने अस्तित्व के लिए संघर्स करती हे
वही बेसहारा अबला को लुटते हुवे पाया
आँखे निकल कर ले जाते हे प्रतिमा की
चारो तरफ इंसानी मांस के लोथाडो रक्त रंजित शव नजर आए
धर्म और उचे भासन देने वालो को बेटो के आगे सिस झुकए खड़ा पाया
इन माँहा धर्मी धर्म के ठेकेदारों को कोर्ट की सिडियो पर चढ़ते हुवे पाया
भगवन ये कैसा मन्दिर बनाया
हर चले के पीछे कोई ना कोई बदमास चहरा नजर आया

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