Hindi Poetry By Hemant
hindi poetry, story, current affairs
शुक्रवार, 6 फ़रवरी 2009
कैसा मन्दिर
भगवन
ये
कैसा
मन्दिर
बनाया
,
कोई
पुजारी
नही
सब
व्यापारी
नजर
आए
धर्म
के
दलालों
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